साइबर क्राइम रोकने को कोडेड फार्म में भेजें डाटा

गोरखपुर। साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है कि सिस्टम को पैरामीटर सिक्योरिटी पर रखें। डाटा कोडेड फार्म में भेजें और इंट्रयूजन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) का प्रयोग करें। सूचना नेटवर्क में आपसी प्रोटोकाल का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके तहत दो कंप्यूटर के बीच संचार को कोडेड फार्म में भेजने से दूसरा कोई उस सूचना का पता नहीं लगा सकता। यह जानकारी दी राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) गोरखपुर के संयुक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी ने। उन्होंने बताया कि संस्थान में सोमवार से अखिल भारतीय वर्कशाप शुरू हुई है जो सात दिसंबर तक चलेगी। इसमें देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेज से आए प्राध्यापकों को इस विधा की जानकारी दी जाएगी।
त्रिपाठी बताते हैं कि दो चरण में आयोजित वर्कशाप के पहले चरण में नाइलेट के लोग साइबर हमले की प्रक्रिया और उसे रोकने के उपाय के बारे में बताएंगे। इसके तहत बताया जाएगा कि साइबर क्रिमिनल किस तरह सिस्टम हैक करते हैं। बताया कि हैकर्स पहले हैकिंग प्वाइंट की सारी सूचनाएं एकत्र करते हैं (मसलन आईपी एड्रेस, आपरेटिंग सिस्टम, कौन से साफ्टवेयर इंस्टाल किया गया है, कौन सी सर्विसेज संचालित हो रही हैं), इसके बाद वे उसे बर्बाद करने के लिए सिस्टम को अपनी गिरफ्त में लेते हैं। फिर स्निफिंग ब्रूटफोर्स अटेैक, स्पूफिंग का प्रयोग कर हमला किया जाता है। उन्होंने बताया कि हैकिंग से बचने के लिए जरूरी है कि पैरावाल स्थापित करें। सिस्टम को पैरामीटर सिक्योरिटी पर रखें। डाटा की कोडिंग करके ही उसे भेजें। साथ ही आईडीएस का इस्तेमाल कर साइबर हैकिंग की जानकारी हासिल की जा सकती है। साथ ही सूचना नेटवर्क में आपसी प्रोटोकाल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
नाइलेट के संयुक्त निदेशक ने बताया कि वर्कशाप में देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेज से आए प्राध्यापकों को ये सारी जानकारियां दी जा रही हैं। उन्हें हार्डनिंग तकनीक भी बताई जाएगी, जिसके तहत विंडोज आपरेटिंग सिस्टम या लाइनेक्स आपरेटिंग सिस्टम की कमजोरियों को जान कर उसे दूर किया जा सकता है। इसके अलावा सूचना सुरक्षा के मापन की तकनीक भी बताई जाएगी। ताकि प्रतिभागी सूचना नेटवर्क पर हमला कर उसकी कमजोरियों को जान कर उसे दूर कर सके। साथ ही साफ्टवेयर प्रोडक्ट की रीइंजीनियरिंग तकनीक भी बताई जाएगी। इस प्रशिक्षण की विशेषता यह है कि इसे राष्ट्रीय इलेक्टानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान गोरखपुर द्वारा विकसित सूचना सुरक्षा प्रशिक्षण के आभाषी माध्यम द्वारा प्रदान की जा रही है। यह आभाषी माध्यम चेन्नई के अलावा इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली एवं सीडैक नोएडा में भी लगाया गया है।

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